7 साल बाद फिर एक साथ राहुल-अखिलेश, लेकिन दोनों में नहीं दिखा तालमेल; आखिर क्या है वजह?


अखिलेश यादव का अमेठी या रायबरेली में प्रचार का कोई कार्यक्रम नहीं है, जहां गांधी परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर है। सूत्रों ने दावा किया कि विपक्ष को चुनाव के बीच में कम से कम एक बार मधुर संबंध दिखाने की जरूरत महसूस हुई, इसलिए कन्नौज में संयुक्त रैली की गई।